Haath Pakar Lo Saath Chalein, Hum Raah Chalein Din Raat Chalein
Embodying the spirit of partnership, the Department of Information Technology’s Tableau represents the silent revolution sweeping across India – the revolution of Public Services Closer Home brought to us by the government joining hands with private sector, NGOs and even village Level Entrepreneurs. This is being conveyed on the Tableau beautifully through mime.
Na sheheron ke Darwaze, Ab Na afsar ki Jhirki Hai
Aao Chalein Chaupal Talak, Ab Gaanv Gaanv mein Khidki Hai
Sahi Milega Theek Milega, Sab Kuch Ab Nazdeek Milega
Computer se Baat karo, Ab Computer ke Saath Chalein
These Lines penned by world renowned Lyricist Gulzar and composed by Ustad Iqbal Ahmed Khan represent the vision of the National e-Governance Plan (NeGP) which is enabling availability of Public Services to the most rural and remotest corner of India. The song has been sung by Kavita Krishnamoorthy, Suresh Wadkar, Jaspinder Narula and Imran Khan.
पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
देरी न दीवार कोई, जो भी कहो अब पार से तुम,
सीधे हम तक पहुंचोगे, बिजली की रफ़्तार से तुम
हाथ पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
न शहरो के दरवाज़े, अब न अफसर की झिड़की है
आओ चलें चौपाल तलक, अब गाँव-गाँव में खिड़की है
हाथ पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
सही मिलेगा, ठीक मिलेगा, सब कुछ अब नज़दीक मिलेगा
कंप्यूटर से बात करो, अब कंप्यूटर के साथ चलें
हाथ पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
ज़मीन पे चाँद ला दो या दिया आकाश पे टांगो
तुम्हारा हक है, तुम पूछो, तुम्हारा हक है, तुम मांगो
हाथ पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
आमने सामने कांच लगे हैं, न कोई पीछे, न कुछ गुम
तुम कैसे हो, हम पूछें, और,हम कैसे हैं, पूछो तुम
हाथ पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
लोगों से हम, हम लोगों से, निपटें मिलकर, सब रोगों/विघ्नों से
हाथ पकड़ लो साथ चलें, हम राह चलें दिन रात चलें
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